_देश
में राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. चुनाव आयोग ने बुधवार शाम
को 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेस कर बताया कि 14 जून को राष्ट्रपति चुनाव का
नोटफिकेशन जारी किया जाएगा. 28 जून का नामांकन की आखिरी तारीख है. नामांकन
वापस लेने की आखिरी तारीख 1 जुलाई है. वहीं चुनाव आयोग के अध्यक्ष नसीम
जैदी ने बताया कि 17 जुलाई सोमवार को राष्ट्रपति पद के लिए वोट डाले
जाएंगे. 20 जुलाई को मतगणना होगी._
*चुनाव आयोग ने किया ऐलान...*
_-चुनाव आयोग के द्वारा 14 जून को बुधवार के दिन चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होगा_
_-नामांकन भरने की अंतिम तारीख 28 जून_
_-जांच के लिए तिथि: 29 जून_
_-नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 1 जुलाई_
_-17 जुलाई को पड़ेंगे वोट_
_-20 जुलाई को होगी मतगणना_
_-राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन में वोट पड़ेंगे_
_-राज्य प्रतिनिधि अपने राज्यों और सांसद दिल्ली में करेंगे वोट_
_-नामांकन भरने की अंतिम तारीख 28 जून_
_-जांच के लिए तिथि: 29 जून_
_-नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 1 जुलाई_
_-17 जुलाई को पड़ेंगे वोट_
_-20 जुलाई को होगी मतगणना_
_-राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन में वोट पड़ेंगे_
_-राज्य प्रतिनिधि अपने राज्यों और सांसद दिल्ली में करेंगे वोट_
_जैदी
ने यह भी बताया कि कमीशन ने यह तय किया है कि इस बार चुनाव प्रक्रिया में
भाग लेने वालों को विशेष पेन दिया जाएगा. जमानत राशि 15 हजार है जो नामांकन
के साथ ही जमा करना होगा._
*सीक्रेट बैलेट से होगा चुनाव*
_निर्वाचकों
से अपेक्षा है कि वे अपने मत को गोपनीय रखेंगे. किसी को भी खुला वोट डालने
का अधिकार नहीं है. किसी को भी अपना बैलेट पेपर दिखाना मना है. ऐसा करने
पर वोट रद्द हो सकता है._
*नहीं जारी होगी कोई व्हिप*
_जैदी
ने बताया कि कोई भी राजनीतिक दल राष्ट्रपति निर्वाचन के मद्देनजर अपने
सदस्सयों के लिए कोई भी व्हिप जारी नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने
यह भी कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर अगर भ्रष्टाचार या अपराध के
आरोप मिलते हैं तो उनका चुनाव रद्द हो सकता है._
*जुलाई में खत्म होगा कार्यकाल*
_भारत
के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई 2017 को समाप्त हो रहा
है. अगले महीने देश के 14वें राष्ट्रपति को चुना जाएगा. विपक्षी दलों में
अब तक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है, जबकि
सरकार भी अपनी पार्टी और सहयोगी दलों के साथ राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को
लेकर आम सहमति बनने में जुटी है_
_जैसा कि राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों को लेकर पार्टियों में गहन मंथन जारी है. तो ऐसे यह जानना जरूरी हो जाता है कि हमारे देश में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया सरल नहीं है. निर्वाचन अप्रत्यक्ष मतदान से चुनाव होता है. जनता की जगह जनता के चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति को चुनते हैं._
_जैसा कि राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों को लेकर पार्टियों में गहन मंथन जारी है. तो ऐसे यह जानना जरूरी हो जाता है कि हमारे देश में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया सरल नहीं है. निर्वाचन अप्रत्यक्ष मतदान से चुनाव होता है. जनता की जगह जनता के चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति को चुनते हैं._
*जनता क्यों नहीं सीधा चुन सकती राष्ट्रपति*
_साल
1848 में, लुई नेपोलियन को लोगों के सीधी मत से राज्य के प्रमुख के रूप
में चुना गया था, लुई नेपोलियन ने फ्रेंच गणराज्य को उखाड़ फेंका और दावा
किया कि उनको जनता ने सीधा चुना है, तो वो ही फ्रांस के राजा है. इस घटना
को ध्यान में रखते हुए, भारत के राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते
हैं._
*इलेक्टोरल कॉलेज से होता है राष्ट्रपति का मतदान*
_भारत
के राष्ट्रपति निर्वाचन कॉलेज द्वारा चुने जाते हैं. संविधान के आर्टिकल
54 में इसका उल्लेख है. इसमें संसद के दोनों सदनों तथा राज्यों की
विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं. दो केंद्रशासित प्रदेशों,
दिल्ली और पुद्दुचेरी, के विधायक भी चुनाव में हिस्सा लेते हैं जिनकी अपनी
विधानसभाएं हैं._
_चुनाव
जिस विधि से होता है उसका नाम है– आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार
पर एकल हस्तांतरणीय मत द्वारा. सभी सांसदों और विधायकों के पास निश्चित
संख्या में मत हैं, हालांकि, हर निर्वाचित विधायक और सांसद के वोटों के
मूल्य की लंबी गणना होती हैं._
*विधायकों के वोट की ताकत*
_राज्यों
के विधायकों के मत की गणना के लिए उस राज्य की जनसंख्या देखी जाती है. साथ
ही उस राज्य के विधानसभा सदस्यों की संख्या को भी देखा जाता है. वोट का
अनुपात निकालने के लिए राज्य की कुल आबादी से चुने गए विधायकों की संख्या
से विभाजित किया जाता है. इसके बाद जो अंक निकलता है, उसे फिर 1000 से भाग
दिया जाता है. फिर जो अंक प्राप्त होता है, उसी से राज्य के एक विधायक के
वोट का अनुपात निकलता है._
*सांसद के वोट की ताकत*
_सांसदों
के मतों के मूल्य करने का तरीका थोड़ा अलग है. सबसे पहले पूरे देश के सभी
विधायकों के वोटों का मूल्य जोड़ा जाता है. जो लोकसभा और राज्यसभा में चुने
हुए सांसदों की कुल संख्या से भाग दिया जाता है. फिर जो अंक प्राप्त होता
है, उसी से राज्य के एक सांसद के वोट का मूल्य निकलता है. अगर इस तरह भाग
देने पर शेष 0.5 से ज्यादा बचता हो तो वेटेज में एक का इजाफा हो जाता है._
*वोटों की गिनती*
_राष्ट्रपति
चुनाव में उम्मीदवार की जीत सिर्फ सबसे ज्यादा वोट हासिल करने से नहीं
होती, साथ ही उसे सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल मूल्य का आधा से
ज्यादा हिस्सा हासिल भी करना पड़ता है. आसान शब्दों में चुनाव से पहले तय
हो जाता है कि जीतने के उम्मीदवार को कितना वोट या वेटेज हासिल करना होगा.
उदाहरण के लिए, यदि 10,000 वैध वोट हैं, तो उम्मीदवार को (10,000 / 2) +1
की आवश्यकता होगी, जो कि 5001 मतों के बराबर है._
*क्या कहता है अंक गणित?*
_राष्ट्रपति
चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 776 सांसदों के अलावा विधानसभाओं के
4120 विधायक वोट डालेंगे. यानी कुल 4896 लोग मिलकर नया राष्ट्रपति चुनेंगे.
राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया के मुताबिक इन वोटों की कुल कीमत 10.98 लाख
है._
*क्या है राष्ट्रपति चुनाव में सरकार की स्थिति*
_बीजेपी
को अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनवाने के लिए 5.49 लाख कीमत के बराबर वोटों
की दरकार है. एनडीए (23 पार्टियों के सांसद और राज्यों की विधान
सभाओं/विधान परिषदों के सदस्य मिलाकर) के पास राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित
इलेक्टोरल कॉलेज में तकरीबन 48.64 फीसदी वोट हैं. बीजेपी 5 लाख 32 हजार 19
मगर इनमें से करीब 20 हजार कीमत के वोट एनडीए की सहयोगी पार्टियों के हैं.
योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और पर्रिकर के इस्तीफे रुकवाकर बीजेपी
ने 2100 वोटों की कमी पूरी कर ली है. देश के 29 राज्यों में से भाजपा 12 पर
काबिज है. भाजपा को मिलाकर एनडीए 15 राज्यों पर काबिज है._
*विपक्ष की स्थिति*
_विपक्ष
की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस समेत वामपंथी दल समेत तृणमूल जैसी पार्टी
हैं. विपरीत राज्य या केंद्र में राजनीतिक समीकरणों के आधार पर कांग्रेस की
अगुआई वाले विपक्ष के साथ जा सकने वाली 23 पार्टियों का वोट प्रतिशत 35.47
फीसदी के लगभग है. विपक्षी दलों के पास 3,91,000 अनुमानित मत है._
*अस्थिर वोट और छोटे दल*
_इन
6 दलों आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल, भारतीय राष्ट्रीय लोकदल, वाईएसआर
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और एआईएडीएम ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
इन 6 दलों का वोट प्रतिशत भी 13 के ही आसपास है. आकडों में 1,70,000
अनुमानित वोट है._

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